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143. अरविंद घोष
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*राष्ट्रीय आन्दोलन*
*143. अरविंद घोष*
अरविन्द घोष एक महान दार्शनिक और राजनीतिक चिन्तक थे। इन्होंने युवा अवस्था
में स्वतन्त्रता संग्राम में क्रान्तिका...
तीसरे विश्वयुद्ध की आहट
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*इष्ट देव सांकृत्यायन *
श्री गुरु चरण कमलेभ्यो नमः
इसी साल अगस्त में जब मोदी यूक्रेन गए थे, बहुत लोग उम्मीद कर रहे थे कि अब
रूस-यूक्रेन के बीच का ...
काम भावना और ज्योतिष
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*मनुष्य में काम वासना एक जन्मजात प्रवृति और वह इससे आजीवन प्रभावित संचालित
होता है । किसी व्यक्ति में इस भावना का प्रतिशत कम **या **किसी में ज्यादा हो
स...
किताब मिली --शुक्रिया - 21
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जो तू नहीं तो ये वहम-ओ-गुमान किसका है
ये सोते जागते दिन रात ध्यान किसका है
कहां खुली है किसी पे ये वुसअत-ए -सहारा
सितारे किसके हैं ये आसमान किसका है
वुस...
जिंदा होने का प्रमाण...
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नवंबर का महीना है,
बदन फिर भी पसीना पसीना है।
फुर्सत थी तो सोचा, चलो बैंक चला जाए,
लगे हाथों अपने
जिंदा होने का प्रमाण दे दिया जाए।
आखिर पेंशन को...
It begins with self
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जीवन इतना खूबसूरत है कि तमाम मुश्किलों के बावजूद इसका आकर्षण खींचता है। खुश
होने की इच्छा, सुंदर जीवन की अभिलाषा बार-बार ज़िंदगी को नए सिरे से सँवारने
की,...
समय की बात!
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उम्र खर्च हो गया
विशेषज्ञ सोचे-समझे,
बहुत पैसे कमाने के लिए,
धनी आज बहुत हैं।
रखने की जगह नहीं,
बस चुप हो गया।
वक़्त ही नहीं मिला संभालें,
जैसे भी ...
बिमारी ... प्रेम की ...
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*अजीब बिमारी है प्रेमन लगे तो छटपटाता हैलग जाये तो ठीक होने का मन नहीं करता
समुंदर जिसमें बस तैरते रहोआग जिसमें जलते रहोशराब जिसको बस पीते रहो जंगली...
एहसास
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मैंने महसूस किया है
कि तुम देख रहे हो मुझे
अपनी जगह से ।
खासकर तब,
जब मेरे मन के कुरुक्षेत्र में
मेरा ही मन
कौरव और पांडव बनकर खड़ा रहता है !
मे...
दीपक, दीपोत्सव का केंद्र
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*अच्छाई की बुराई पर जीत की जद्दोजहद, अंधेरे और उजाले के सदियों से चले आ रहे
महा-समर, निराशा को दूर कर आशा की लौ जलाए रखने की पुरजोर कोशिश ! चिरकाल से
चले...
चार जानिब है यही शोर दिवाली आई
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चार जानिब है यही शोर दिवाली आई
चार जानिब है यही शोर दिवाली आई
साल-ए-माज़ी की तरह लाई है ख़ुशियाँ इमसाल
यूँ तो हर शख़्स मसर्रत से खिला जाता है
फिर भी बच...
दिवाली भी शुभ है और दीवाली भी शुभ हो
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चक्कर छोटी 'इ', बड़ी 'ई' का
क्षेत्रीय प्रभाव
[image: ▪]हर साल की तरह इस बार भी मित्रों ने दीवाली/दिवाली की वर्तनी के
बारे में राय जाननी चाही। किसी से चैट प...
नवरात्रि के संदर्भ
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नवरात्रि एक प्रमुख हिंदू त्योहार है जो देवी दुर्गा की पूजा के लिए मनाया
जाता है। यह आमतौर पर सितंबर या अक्टूबर में आता है और नौ रातों तक चलता है।
नवरात...
ईश्वर एक बिजूका है
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1
सुनो
इश्क नाकामियों का दूजा नाम है
और
कुछ इश्क होते ही असबाब की तरह हैं
जो एक बार चिपटे तो छूटते ही नहीं
फिर चाहे तुमने एकतरफा ही क्यों न की हो मोह...
मानसिक स्मृति कोष : से उभरते दृश्य
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जीवन में इंद्रिय सक्रियता एक ऐसी महत्वपूर्ण प्रक्रिया है जो हमारे जीवन
के संचालन के अलावा स्मृति कोष में जानकारी को सुरक्षित करने में भी सहायक है। ...
Wall Ideas
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[image: Wall ideas]
Wall ideas
Discover 27 wall decor ideas that are sure to add style to your home.
1. Go for large-scale art. Max Burkhalter.
...
रिश्तों की बरसी - 2
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पहला भाग पढें (रिश्तों की बरसी - 1)
दोस्तों ये भी अजीब बात हैं ना, कि आप इस लेख को/ कहानी को पढकर जो सोच रहे
हैं जिसके बारे मंे सोच रहा है वो अगर इस कहा...
अन्तरराष्ट्रीय ब्लॉगर डे - 2024
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अन्तरराष्ट्रीय ब्लॉगर डे - 2024
आज से करीब 20 वर्ष पूर्व अन्तरजाल और उसके कुछ प्लेटफार्म्स के बारे में टी
वी, रेडियो तथा प्रिंट मीडिया से हम पढ़ते और स...
मगर बेचना मत खुद्दारी
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यूँ तो सबको है दुश्वारी एक तरफ
मगर बेचना मत खुद्दारी एक तरफ
जाति - धरम में बाँट रहे जो लोगों को
वो करते सचमुच गद्दारी एक तरफ
अक्सर लोग चुने हैं अपने जो...
मैं जीवन हूँ
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न मैं सुख हूँ न दुख
न राग न द्वेष
मैं जीवन हूँ
बहता पानी
तुम मिलाते हो इसमें
जाने कितने केमिकल्स
अपने स्वार्थों के
भरते हो इसमें
कभी धूसर रंग
कभी लाल तो ...
जन्मदिन मुबारक हो अजनबी...
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प्यार- कई लाख जन्म मुझे सन्नाटे कभी पसंद नहीं थे, हाँ एकांत ज़रूर पसंद था.
उस एकांत के दरम्यान तुम्हारी एक मुस्कराहट ने जैसे सब कुछ अलग-थलग कर दिया
था. तुम्...
गुमशुदा ज़िन्दगी
-
ज़िन्दगी
कुछ तो बता
अपना पता .....
एक ही तो मंज़िल है
सारे जीवों की
और वो हो जाती है प्राप्त
जब वरण कर लेते हैं
मृत्यु को ,
क्यों कि असल
मंज़िल म...
स्व प्रतियोगी
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रोहित का आज आठवीं कक्षा का परिणाम घोषित होना था। पिछले वर्ष वह प्रथम आया
था, इस वर्ष भी उसे यही उम्मीद थी। विघालय में प्रतिवर्ष परीक्षा परिणाम घोषित
करन...
जब रात स्वप्न
-
जब रात स्वप्न
मन में से
आने जाने लगे
उन को मन में
बसने दिया जाए
कब तक उस पर निर्भर रहे
नही कहां जा सकता|
मन के अनुसार चला
आ सकता |
आशा...
युद्ध
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युद्ध / अनीता सैनी
…..
तुम्हें पता है!
साहित्य की भूमि पर
लड़े जाने वाले युद्ध
आसान नहीं होते
वैसे ही
आसान नहीं होता
यहाँ से लौटना
इस धरती पर आ...
गज़ल
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कागजों से भी क्या दोस्ती हो गयी
शायरी ही मेरी ज़िंदगी हो गयी
जब खुदा ने करम ज़िन्दगी पर्किया
बंदगी से गमी भी खुशी हो गयी
दिल की बंजर जमीं पर उगा इक खिया...
जो मेरे अन्दर से गुजरता है
-
जाने कौन है वो
जो मेरे अन्दर से गुजरता है
थरथरायी नब्ज़ सा खामोश रहता है
मैं उसे पकड़ नहीं सकती
छू नहीं सकती
एक आखेटक सा
शिकार मेरा करता है
जाने क...
ओ साथी मेरे
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मुझसे रुकने को कह चल पड़ा अकेले
सितारों की दुनिया में जा छिपा कहीं ...
वादा किया था उससे -कहा मानूंगी
राह तक रही हूँ ,अब तक खड़ी वहीं...
वो अब हमेशा के लिए म...
नतमस्तक होगी भक्ति भी!!
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संकल्प की ड्योढ़ी पर
आज हर आंगन
दीप जलेगा
उत्सव की इस बेला में
नतमस्तक होगी भक्ति भी
विश्वास की शक्ति से
राम आएंगे… जन जन के राम आएंगे!
…
शुभ ...
डॉ. राष्ट्रबंधु की बाल कविताएं
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डॉ. राष्ट्रबंधु की बाल कविताएं
*नयी डायरी*
नयी डायरी मुझे मिली है
इसमें अपना नाम लिखूँगा
होमवर्क या काम लिखूँगा।
किसने मारा, किसने डाँटा
बदनामों के ना...
मुक्तक, दोहा, कुण्डलिया, वीप्सा अलंकार, नवगीत,
-
सलिल -सृजन १ दिसंबर
सॉनेट
समय छिछोरा
*
छेड़ रहा है उम्मीदों को समय छिछोरा,
आशा के पग रुक गए, भय से एसिड देख,
ब्लैक मेल अरमान हो, कौन करेगा लेख?
भूल रहा है ...
मुसीबतें भी अलग अलग आकार की होती है
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कहते हैं, मुसीबत कैसी भी हो, जब आनी होती है-आती है और टल जाती है-लेकिन जाते
जाते अपने निशान छोड़ जाती है.
इन निशानियों को बचपन से देखता आ रहा हूँ और ख...
रोचक और ज्ञानवर्धक बाल कहानियां : रानी की जिद
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बच्चों आने वाली किताब का पूर्वावलोकन
*रोचक और ज्ञानवर्धक बाल कहानियां : रानी की जिद*
कौशल पांडेय की लेखकीय यात्रा का मैं उन दिनों से साक्षी...
पितृ पक्ष
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हेलोवीन महापर्व जो कि पश्चिम वाले कब्र में पड़े कयामत के दिन फैसले के बाद
मुक्ति पाने की आस में व्याकुल विचलित अशरीरी आसपास उत्पात मचाते पूर्वजों को
कम्पनी ...
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मै कौन हूँ?
ये मैं जानता हूँ!
पर मैं वो नहीं हूँ ,
जो मै सब को बताता हूँ!
दरअसल , मैं वो भी नहीं हूँ,
जो मेरे जानने वाले,
मुझे या तुम्हें बताते हैं,...
विवाह विच्छेद - हिन्दी लघुकथा
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हिन्दी लघुकथा
श्रेया और मानस प्रेम विवाह के तीसरे वर्ष में ही विवाह विच्छेद कर अलग हो गए
क्योंकि मानस भगवान बनना चाहता था और श्रेया नास्तिक ।
- डॉ शि...
'ओह माय गॉड - 2' एक जरूरी फिल्म: डॉ. गौरव कबीर
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'ओह माय गॉड - 2' देख कर आया ।
बहुत दिन बाद किसी फिल्म पर लिखने का मन कर रहा है । ये एक जरूरी फिल्म है ,
जिसे बनाया ही जाना चाहिए था और इन्हीं कलाकारों ...
बिटिया के लिए
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*बिटिया की तरफ़ से ... *
*मम्मा मैं तेरी मैना *
*मुखड़ा हूँ तेरा अपना*
*बैठी मुँडेर पर हूँ *
*चहकूँ मैं तेरे अँगना *
* लौटूँ मैं जब भी घर को *
* रखना तू मु...
वंदन शुभ अभिवन्दन - रमेश कँवल
-
हमारे यहाँ बहुत पहले से गणपति, सरस्वती और गुरुवन्दन की परिपाटी रही है .
किसी भी कवि गोष्ठी या कवि सम्मलेन का श्रीगणेश विधिवत दीप प्रज्ज्वलित करने
के उपरान...
पाँव के पंख- एक दृष्टि
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पंख होते तो उड़ आती रे... कितनी सुंदर कल्पना है न. पाँव में ही पंख लग जाते
तो उड़े चले जाते जागती आँखों से सपनों सी लगती वास्तविक दुनिया में भी. बिना
पासप...
फिर से एक नई शुरुआत
-
नमस्कार मित्रों। अपनी व्यस्ततम रोजमर्रा की जिंदगी में हम इतने दूर निकल गए
है कि वर्षों बाद आज इन सुनहरी गलियों में वापस लौटे है । अब फिर से नई शुरुआत
कर...
हम बेल पर लगी ककड़ियाँ
-
एक उम्र ऐसी आती है कि हर महीने दो महीने में (पति के व्हट्स एप ग्रुप में )
समाचार आता है कि यह या वह चला गया. कोई सोए में तो कोई दो चार दिन की बीमारी
...
शब्दों का सफर
-
मै नहीं लिखती अब
क्यूंकि, लिखने के लिए
शब्दों को जीना पड़ता ह है ।
शब्दों को जीने के लिए
मनोभावों में कहीं गहरे तक
उतरना पड़ता है।
गहरे...
राजनीति में पोर्न, पोर्न की राजनीति
-
यह समय ऐसा है बंधुवर कि विद्वजन जिसके बारे में कह गए हैं कि करो सब लेकिन इस
तरह से कि जिस तरह से दानी लोग दान दिया करते हैं जिसमें दाएं हाथ को पता न
चले क...
मीडिया
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लघुकथा
from google
*तब मैं काफ़ी छोटा रहा होऊंगा. मनोरंजन के साधनों में रेडियो प्रमुख था.*
*मैं रेडियो से आती तरह-तरह की आवाजें सुनकर हैरत में पड़ जाता ...
रंग चैत्र महीने के
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*रंग चैत्र के ...*
चैत्र का महीना बदलाव का महीना है , नए रंग में कुदरत जैसे खुद से मिला कर
सम्मोहित करती है।
अमृता ने इसी महीने से जुड़ा बहुत कुछ ...
"जय हिन्द, फिर मिलेंगे"
-
काम से चलते समय मैंने अपने सहकर्मी से कहा, "सी यू लेटर।"
उसने पलटकर जवाब दिया, "फिर मिलेंगे"। साफ, शुद्ध, स्पष्ट हिन्दी में।
हम दोनों लगभग आठ महीने से सा...
Contoh Penerapan TOC Otomatis
-
What are Shower Heads?
Shower heads are an essential component of any shower system. They are
responsible for directing and controlling the flow of water t...
MENTAL GARBEJ
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One day a man was going to the railway station by auto. The auto
driver was driving the auto very comfortably. A car suddenly came out of
th...
"संविदा कर्मियों का दर्द" @गरिमा लखनवी
-
*संविदा कर्मियों का दर्द*
*@**गरिमा लखनवी*
*--*
*कोई क्यों नहीं समझता*
*दर्द हमारा*
*हम भी इंसान हैं*
*योगदान भी है हमारा*
*--*
*सरकारी हो या निजी*
* कैसा भ...
सज्जन-मन
-
सब सहसा एकान्त लग रहा,
ठहरा रुद्ध नितान्त लग रहा,
बने हुये आकार ढह रहे,
सिमटा सब कुछ शान्त लग रहा।
मन का चिन्तन नहीं व्यग्रवत,
शुष्क हुआ सब, अग्नि त...
-
अब तुम्हारी आंखों के सिवा
कुछ याद नहीं रहता
बहुत कोशिश करूं तो
तुम्हारी धुंधली सी सूरत
ज़हन में आती है
ये तुम्हें भूल जाने की
शुरुआत है
या फिर तुम्...
Watch: मिलिए इमरान के नन्हे जबरा फैन से...
-
*पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान ख़ान की रैली में 350 किलोमीटर दूर
से पहुंचा अबु बकर; पूर्व पीएम से नहीं मिल पाया तो रो-रो कर हुआ बेहाल,
वीडियो व...
दूरी
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मुझ तक नहीं आती है
कभी कोई ढाढ़स की आवाज़
अपना ढाढ़स होने को मुझे ही औरों का ढाढ़स होना पड़ता है
जिस जिस तक मैं पहुँची
वो सब मेरे खुद तक पहुँचने के ही उपक्...
गुफ्तगू
-
गुफ्तगू
(फोटो-हेमन्त कुमार)
चलो आज हम कुछ गुफ्तगूं कर लें
कुछ अपनी कहें तुम्हारी भी सुन लें।
वो भोला सा बचपन निश्छल सी बातें
चलो वक़्त रहते कुछ अब भी ...
पटना यात्रा के अनुभव भाग - 2
-
अगली सुबह सोकर उठे तो चाय सुडकने की तलब लगी और किसी गुमटी ठेले पर चाय
सुडकने का एक अलग ही आनंद होता है. गुमटी पर चाय सुडकने जावो तो वहां के खास
देशी लोगों ...
पटना यात्रा के अनुभव भाग - 2
-
अगली सुबह सोकर उठे तो चाय सुडकने की तलब लगी और किसी गुमटी ठेले पर चाय
सुडकने का एक अलग ही आनंद होता है. गुमटी पर चाय सुडकने जावो तो वहां के खास
देशी लोगों ...
लूट का बदला लूट: चंदैनी-गोंदा
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विजय वर्तमानचंदैनी-गोंदा को प्रत्यक्षतः देखने, जानने, समझने और समझा सकने
वाले लोग अब गिनती के रह गए हैं। किसी भी विराट कृति में बताने को बहुत कुछ
होता है ...
अटल जी की कविता
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* अटल जी की कविता *
*1)*
गीत नहीं गाता हूँ
बेनक़ाब चेहरे हैं,
दाग़ बड़े गहरे हैं
टूटता तिलिस्म आज सच से भय खाता हूँ
गीत नहीं गाता हूँ
लगी कुछ ऐसी नज़र
बिखर...
भूला बिसरा गीत 35 साल बाद
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1980 के दशक में मुझे रेडियो का बहुत शौक था । उस समय मुझे एक गीत जो बहुत
अच्छा लगता था उसे कल गुनगुनाने का मन किया और यह गीत मेरे जेहन में आ गया।
शायद आ...
अब फोटो खींचकर पैसे कमाइए...
-
आप अच्छे फोटोग्राफर हो और जबरदस्त फोटो खींचते हो... आप उन फोटो का क्या करते
हो??... यदि आप प्रोफेशनल फोटोग्राफर हैं, तब तो आप फोटो से पैसे कमाने के
बहुत ...
हँसी की एक डोज़- इब्राहीम अल्वी
-
कई बार कुछ कवि मित्र मुझसे अपनी कविताओं के संग्रह को पढ़ने का आग्रह करते हैं
मगर मुझे लगता है कि मुझमें कविता के बिंबों..सही संदर्भों एवं मायनों को
समझने की...
कुतुबुद्दीन बख्तियार काकी दरगाह में महात्मा गांधी
-
27 जनवरी 1948 को महात्मा गांधी अपनी हत्या से तीन दिन पूर्व अपनी अंतिम मुख्य
गतिविधि के रूप में सांप्रदायिक हिंसा में जल रही दिल्ली में शांति लाने के
उद्...
चरणों मे मुझको रख लो बृज की ही रज समझ
-
चरणों मे मुझको रख लो बृज की ही रज समझ कर चरणों मे मुझको रख लो बृज की ही रज
समझ कर चरणों से मुझको प्यारे हरगिज़ जुदा ना करना अब पास आ गया हूँ तेरे तेरी
गली ...
Omicron -
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Omicron - B.1.1. 529
* Omicron** .. the superfast cosmopolite .. Other than air it needs Human
body to travel ( to spread ) and to survive ..*
*It'...
एक आस साथ जुड़े रहने की
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इसकी कल्पना की है एक नये समाज के रूप में जिसमे सब एक दूसरे के साथ हों।
पहले हम गाँवो/छोटे शहरों मे रहते थे,आपसी सद्भाव, भाई-चारा और पारिवारिक
सम्बन्धों की...
सॉनेट
-
सॉनेट
*
भोर भई जागो रे भाई!
उठो न आलस करना।
कलरव करती चिड़िया आई।।
ईश-नमन कर हँसना।
खिड़की खोल, हवा का झोंका।
कमरे में आकर यह बोले।
चल बाहर हम घूमें थोड़ा।...
उनके मन कछु और था, बिधना के कछु और....
-
पूज्य पापाजी (पंडित रामरतन अवस्थी) की पितृ-भूमि की यह मेरी तीसरी यात्रा थी,
लेकिन, मुझे लगा कि इस पुण्य-भूमि के दर्शन पहली बार कर रहा हूँ, प्रथमतः इससे
प...
उद्विग्नता
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जीवन की उष्णता
अभी ठहरी है ,
उद्विग्न है मन
लेकिन आशा भी
नहीं कर पा रही
इस मौन के
वृत्त में प्रवेश
बस एक उच्छवास ले
ताकते हैं बीता कल ,
निर्निमे...
Top Fresh Hoods Coupon & Promo Codes
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Wearing what you want is important since it does not only give you
convenience, it also lets you move freely. Selecting the best clothing
pieces takes time...
उस्ताद बिस्मिल्ला ख़ाँ साहब की १०५ वीं जयंती
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*उस्ताद बिस्मिल्ला ख़ाँ* (जन्म: 21 मार्च, 1916 - मृत्यु: 21 अगस्त, 2006)
हिन्दुस्तान के प्रख्यात शहनाई वादक थे। उनका जन्म डुमराँव, बिहार में हुआ था।
सन...
मौत के बाद भी
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मौत के बाद भी मुझको बुलाया, आँऊगा।
जो दिल में छुपा कर राज जहां से जाऊँगा....
उस हरिक राज से तब.... परदा हटाऊँगा।
सोचोगे क्यूँ जीवन-भर छुपाया था ये मैनें,
म...
मन कहाँ को चल चला तू
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मन कहाँ को चल चला तू,
छोड़ आया बाग़ सारे
आसमाँ भर के सितारे
चाँद हाथों से फिसल कर
गिर गया सागर किनारे
ढूँढता क्या अब भला तू
मन कहाँ को चल चला त...
छायादार पेड़ की सजा
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www.sahityakar.com
मेरे घर के बाहर दो पेड़ लगे हैं, खूब छायादार। घर के बगीचे में भी इन पेड़ों
की कहीं-कहीं छाया बनी रहती है। कुछ पौधे इस कारण पनप नहीं...
अटकन चटकन : छोड़ आए हम वो गलियाँ
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*‘बातों वाली गली” *का कर्ज़ चुकाने का मौक़ा *“अटकन चटकन” *ने दे दिया, हालाँकि
इसमें भी व्यक्तिगत व्यस्तताओं और परेशानियों के कारण महीने भर से ज़्यादा का
सम...
क्षणिकाएँ
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ज्योतिपुंज बन कर अँधियारों से दो हाथ करेंगे कठिन परिश्रम की कूँची से द्युति
का रंग भरेंगे हम भारत के अमर पुत्र साहस अपार मन मे है कंटक पथ पर हँसते
हँसते लक...
अटकन-चटकन: प्रतिक्रियाएं
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*रामरतन अवस्थी*
मेरे पापाजी इन दिनों अस्वस्थ हैं। बेहद कमज़ोर हो गए हैं। लेकिन हमेशा साहित्य
सृजन करने वाले हाथ भी कभी अशक्त होते हैं? उनके हाथों का कम्पन कल...
कुछ दूर ही चले थे
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कुछ दूर ही चले थे, मंजिल का पता लेके।
अच्छा हुआ कि उसने रास्ते पे ला दिया।
क्या होता अगर चलता कुछ और दूर आगे।
ये वक़्त था और वक़्त ने रस्ता बता दिया।
कुछ और ही...
गुरुत्वाकर्षण
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कल रात यूँ हुआ, हाथ जा चाँद से टकरा गया,
तुम्हे छूने की चाह में, हाथ झुलस के रह गया।
दूर जाते - जाते ये तुम कितनी दूर निकल गए !
*
*
*
*
मैं पृथ...
तब तब शहीद फिर मरता है
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अरमान तो होंगे उसके भी
कि बेटा मरने पर कंधा दे
मुखाग्नि दे, श्राद्ध करे, श्रद्धा से उसको तर्पण दे
पर देखो वो माँ बेटे को ही कंधा दे आई
जुग जुग जियो...
मुहावरे ढूँढो :
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मुहावरे ढूँढो :
चेहरे की हवाइयाँ उड़ गईं, देख लिया जब शेर ,
भीगी बिल्ली बना बहादुर , भागा लाई न देर |
पास हुआ तो फूला नहीं , समाया पप्पू राम |
घर बसाकर समझ ...
A better Blogger experience on the web
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Since 1999, millions of people have expressed themselves on Blogger. From
detailed posts about almost every apple variety you could ever imagine to a
blog...
चेहरा छुपेगा कब तक...?
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लॉक डाउन हो या नहीं छेड़छाड़ और छिछोरापन चालू है क्योंकि सुधर नहीं सकते।
लॉक डाउन के कारण बच्चों की ऑनलाइन क्लासेस चल रही हैं इसके चलते हर टीचर को
बच्चों स...
लगातार संघर्ष करने से सफलता अर्जित होती है ....
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महाभारत में भीषण युद्ध चल रहा था । युद्द भूमि में गुरु और शिष्य आमने सामने
थे । दुर्योधन की तरफ से द्रोणाचार्य और पांडवों की ओर से अर्जुन युध्द के
मैदान मे...
लाॅकडाउन 2
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मोदी जी....सुनो:-
धीरे धीरे ही सही बीते इक्किस वार
सोम गया मंगल गया कब बीता बुधवार
कब बीता बुधवार हो गया अजब अचंभा
लगता है इतवार हो गया ज्यादा लंबा
दाढ़ी भी ...
*मेरा प्रोजेक्ट - मेरी संतान है*
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जब मैं नफिल नमाज़ों की अदायगी में कोताही करता हूं तो अपनी संतान और दुनिया
के संकटों को याद करता हूं और अल्लाह तआला के इस आदेश पर चिंतन मनन करने लग
जाता हू...
जीवन यात्रा
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कितनी दूर चला आया हूँ,
कितनी दूर अभी है जाना।
राह है लंबी या ये जीवन,
नहीं अभी तक मैंने जाना।
नहीं किसी ने राह सुझाई,
भ्रमित किया अपने लोगों ने।
अपनी राह ...
खटीमा का इकलौता कुम्हार
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खटीमा से टनकपुर को जाते समय वन चुंगी से 50 मीटर आगे रॉड के बायीं ओर पिछले
20-25 सालों से #दीपावली के समय मां के साथ दीऐं खरीदने जाता था ।
आज मन हुआ कि खटीम...
इंतज़ार और दूध -जलेबी...
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वोआते थे हर साल। किसी न किसी बहाने कुछ फरमाइश करते थे। कभी खाने की कोई खास
चीज, कभी कुछ और। मैं सुबह उठकर बहन को फ़ोन पे अपना वह सपना बताती, यह सोचकर
कि ब...
परिचय की गाँठ
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अब प्रेम पराग, अनुराग राग का उन्माद ठहर चुका है... बचे हैं कुछ दुस्साहसी
लम्हों की आहट, मुकर जाने को तत्पर वैरागी होता मन, और आस पास कनखजूरे सी
रेंगती ख़ाम...
पापा किसके साथ सोयेंगे ?
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कभी कभी बच्चे अपने भोलेपन और मासूमियत में कुछ ऐसी बात कर जाते हैं कि मन
हँसे बिना नहीं रह पाता। अधिकांशतः अभिभावकों के समक्ष बड़े होते बच्चो को
अकेले सुलान...
ग़ज़ल - मैं मुहरा बन के जिसका फिर रहा था
-
मैं मुहरा बन के जिसका फिर रहा था।
वो अपनी चाल में शातिर रहा था।
दिया हर शाख़ ने उसको सहारा,
वो पत्ता टूट कर जब गिर रहा था।
अचानक से नहीं ख़ामोशी छाई,
ये ...
सूरज से टकराया
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आतुर सुलझाने को
उलझा धागा
वह जागा
उठकर भागा,
सूरज से टकराया
चकराया, गश खाया
जीवन को दे डाला
जीवन का वास्ता
रास्ते पर वह
या उसके अंदर रास्ता?
दो पल के सुकू...
जुंबिशें दोहे
-
दोहे
धन साधन चुक जाए जब , भूख का हो आभास ,
मुंकिर नाक दबाए के रोकीं लीनेह सांस .
دھن سادھن چک جاۓ جب ، بھوک کا ہو آبھاس
منکر ناک دباۓ کے ، روک لیں اپنی سا...
द पाईड पाइपर ऑफ़ हिन्दुकुश: अ स्टोरी रिडिफाइनड....
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*सदियों पुरानी बात है*. सुदूर हिन्दुकुश पर्वतों के उस पार टीरिच नाम का एक
देश हुआ करता था. वहाँ का राजा घमण्डी किस्म का था. उसके आस-पास हमेशा
चाटुकारों का...
गिरगिट के रंगो से भरा नीरस चुनाव
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इस बार के चुनाव बड़े नीरस से लग रहे हैं, जैसे २०१४ में चाय पर चर्चा हो या
फिर, मोदी जी का virtually पूरे देश में बड़ी बड़ी स्क्र्रीन के जरिये देश को
स...
आ जाओ जिंदगी में नए साल की तरह
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ग़ज़ल
गुज़रो न बस क़रीब से ख़याल की तरह
आ जाओ ज़िंदगी में नए साल की तरह
कब तक किसी दरख़्त-से तने रहोगे तुम
झुक कर गले मिलो कभी तो डाल की तरह
आँसू छलक पड़...
Invasion
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Wrote this on 1 Dec as part of the school homework. First two para is for
the attached countries and last two paras for invaders.
Text
A battle cry,
A fe...
जानिए क्या होता है बस्तर का लांदा और सल्फ़ी
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जब भी बस्तर जाना होता है तब बस्तरिया खाना, पेय पदार्थ का स्वाद लेने का मन
हो ही जाता है, चाहे, लांदा हो, सल्फ़ी हो या छिंदरस। बस्तर की संस्कृति पहचान
ही अलग...
सब कुछ अच्छे के लिए नहीं होता!
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ढाई साल के बाद आज इधर आया हूँ। पिछले कई सालों से यहाँ पहले की तरह आना नहीं
हो पाता था। ज़िन्दगी में कई सारे बदलाव आये। समय की कमी और काम के प्रति
व्यस्तता ...
मौसम...
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एक समन्दर लिखना
कुछ किनारे लिखना।।
मै अपने लिख दूँगी
तुम, तुम्हारे लिखना।।
लिखना कैसी है वो बूंदें
जो बारिश में बरसती है
और कैसा है वो पानी
जिनको आंखें तर...
आखिर पहले क्यों नही जागती सरकार
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*इन्हासमेंट के खिलाफ चल रहे आंदोलन की जीत, पहले होगी सही जांच*
*शुक्रवार सुबह धरनास्थल पर पहुंचकर धरना समाप्त करवाएंगे सरकार व पार्टी के
प्रतिनिधि*
हिसार...
खूबसूरत मेघालय
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*कुछ समय पहले ही मैं अपनी मेघालय की यात्रा से वापस लौटी हूं। कुछ दिन
मेघालय में बिताने के बाद बहुत कुछ जानने समझने को मिला। अभी के लिये वहां की
कुछ तस्वीर...
Adjust contrast of a pdf free
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Closer to the eye of the shooter, this is because Preview is quite
literally applying a filter to each individual page of the PDF you are
saving. the proce...
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झूठ का अब बोलबाला हो गया है
और सच का मुँह काला हो गया है
चापलूस सर पे जाकर बैठ गए हैं
सच्चे का देश निकाला हो गया है
ये सियासी भूख क्या क्या खाएगी
इंसा त...
मोल-भाव/ दीपक मशाल
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लघुकथा
उन्होंने कहा-
'न न... निश्चिन्त रहिए हमें कुछ नहीं चाहिए। बस लड़की सुन्दर हो, जरा तीखे
नैन-नक्श और रंग गोरा हो। हाँ, खाना अच्छा पकाती हो। बाकी कढ़ाई-...
ब्लॉगिंग : कुछ जरुरी बातें...3
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पाठक हमारे ब्लॉग पर हमारे लेखन को पढने के लिए आता है, न कि साज सज्जा देखने
के लिए. लेखन और प्रस्तुतीकरण अगर बेहतर होगा तो यकीनन हमारा ब्लॉग सबके लिए
लाभदा...
अमरनाथ यात्रियों पर आतंकवादी हमला, 6 की मौत ..
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कश्मीर घाटी में आतंकवादी अब अपने अस्तित्व के आखरी दौर में हैं. उनके ऊपर जो
दबाव सेना ने बनाया है उस दबाव से निपटने के लिए उन्होंने अमरनाथ यात्रियों के
ऊपर...
गुरुपूर्णिमा मंगलमय हो
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*गुरुपूर्णिमा मंगलमय हो *
लगभग दो वर्ष के लंबे अंतराल के पश्चात् परम श्रद्धेय स्वामीजी संवित् सोमगिरि
जी महाराज के दर्शन करने (अभी 1 जुलाई) को गया तो मन भ...
होली की हार्दिक बधाई
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नफ़रत की होली जले,पनपे हर पल प्यार।
देता है सन्देश यह,होली का त्यौहार।।
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होली की हार्दिक बधाई आप सभी को
-कुँवर कुसुमेश
Post title
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*मेष :- *व्यस्तता भरा माह है. आर्थिक, सामाजिक व पारिवारिक कार्य पूर्ण
होंगें. 19 जून के पश्चात घरेलू स्तर पर कुछ परेशानियों का सामना अवश्य करना
पडेगा परन्त...
चटख ललछौंहे रंग के कुरते के बावजूद
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*आज बहुत दिनों बाद ब्लॉग पर कुछ लिखत - पढ़त। एक कविता के रूप में। लीजिए यह
साझा है :*
*कवि का कुरता*
यह कविता पाठ के मध्यान्तर का
चाय अंतराल था
जिसे कवि...
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तीन शेरों को हुई उम्रकैद, पूरी जिंदगी चिड़ियाघर में काटनी होगी
गुजरात के तीन शेरों को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। इन सभी शेरों को अपनी कैद
चिड़िया घर में ...
Top 3 priorities of our nation in 21st century.
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Like every Indian I too am concerned about the progress and prestige of my
country and I wish that India relishes the image of a highly cultured,
clean...
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* वह और मैं*
वह अक्सर कुछ तलाशता नजर आता है
सड़कों पर बिखरी रोशनी की कई किस्मों में
अँधेरे की सीली देह सहलाता है।
तटों पर गूँजते आस्था के स्वरों के...
প্রেম মানে
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প্রেম মানে চুপচাপ টুপটাপ গল্প প্রেম হলো আদরের আষাঢে স্বপ্ন প্রেম মানে
বিশ্বাস প্রাণ ভরা নিশ্বাস ছোট কোনো গল্পের পুরনতার আশ্বাস প্রেম যদি দিক্ভ্রম
তবে কেন ...
विंडोज आधारित सिस्टम में गुगल वाइस टाइपिंग
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*विंडोज आधारित सिस्टम में गुगल वाइस टाइपिंग*
हममें से अधिकांश लोगों को टंकण करना काफी श्रमसाध्य एवं उबाऊ कार्य लगता है
और हम सभी यह सेाचते हैं कि व्यक...
सोना जरूरी है अविनाश वाचस्पति
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##Sleeping
सोना जरूरी है
कैसा भी हो
नींद हो या हो स्वर्ण
पीत हो वर्ण
पर पीलिया न हो
लीवर पर न हुआ
हो हमला
जानलेवा न अाघात
चाहे हो रात अथवा
दिन अथवा सुप्रभा...
ग्लेशियर
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अरतिंदर संधू
राजिंदर सिंह नौकरीपेशा आदमी था। बेटा उसका पढ़ाई में साधारण ही निकला। उसे
काम में डालने हेतु वह एक दुकान खरीदने के प्रयास में था। अंततः दला...
हमारा सामाजिक परिवेश और हिंदी ब्लॉग
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वर्तमान नगरीय समाज बड़ी तेजी से बदल रहा है। इस परिवेश में सामाजिक संबंध
सिकुड़ते जा रहे हैं । सामाजिक सरोकार से तो जैसे नाता ही खत्म हो गया है। प्रत्येक...
‘खबर’ से ‘बयानबाज़ी’ में बदलती पत्रकारिता
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मीडिया और खासतौर पर इलेक्ट्रानिक मीडिया से ‘खबर’ गायब हो गयी है और इसका
स्थान ‘बयानबाज़ी’ ने ले लिया है और वह भी ज्यादातर बेफ़िजूल की बयानबाज़ी.
नेता,अभिनेता...
रेलवे के सभी नौ सर्विस काडर होंगे समाप्त
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रेलवे यूनियनों के विरोध के बावजूद रेलवे बोर्ड का पुनगर्ठन तय माना जा रहा
है। बड़े बदलाव के तहत रेलवे बोर्ड और रेलवे के नौ सर्विस काडर समाप्त किए जा
सकते ह...
जिंदगी का पता न दे.........
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चित्र गूगल साभार
ऐ खुदा, मुझे फिर से ये सजा न दे
कज़ा है मुकद्दर मेरा जिंदगी का पता न दे।
अश्कों से भर गया है दरिया-ए-मोहब्बत मेरा
फिर से चाहुँ मैं कि...
नष्ट होती प्रतिभा –विराट कोहली
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*नष्ट होती प्रतिभा –विराट कोहली *
*कोई भी नैसर्गिक प्रतिभा कैसे नष्ट होती हैं इसका ताज़ातरीन उदाहरण विराट
कोहली को देखकर लगाया जा सकता हैं एक ऐसा खिलाड़ी ...
True Caller से अपना नाम कैसे हटाएं .
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किसी अनजाने नंबर से आपको काॅल आए तो वो नंबर किसका है ये बताने वाले बहुत से
उपाय मौजूद है ऐसा ही एक उपाय है True Caller App पर इससे निजता की एक समस्या ...
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*नाम *
जिन्ना की ज़िद
नेहरू की लालसा
गाँधी की ग़लती
प्रकृति का बटवारा
जनमानस की त्रासिदी
इतिहास गवाह है
वक़्त की पुकारसुनो
जागो नहीतो
इतिहास फिर दोहराएग...
आहटें .....
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*आज भोर *
*कुछ ज्यादा ही अलमस्त थी ,*
*पूरब से उस लाल माणिक का *
*धीरे धीरे निकलना था *
*या *
*तुम्हारी आहटें थी ,*
*कह नहीं सकती -*
*दोनों ही तो एक से...
पाकिस्तानियों_के_10_सिर_लाओ!
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कितने जवानों का बलिदान करना है मोदी को! ये राष्ट्रीयहित तो नहीं है मित्रों?
अब बातचीत कर राष्ट्र विरोधी फैसला कर रहे हैं।जबसे मोदी- नवाज की मुलाकात हुई
है ...
रामपुर गांव
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नदियों में नाथ
शिवनाथ नदी के तीर बसा हुआ
सूंदर सा गाँव रामपुर,
जहाँ पीपल की छांव,
मांझी की नाव,
नदी तट पर जलक्रीड़ा करती सोन मछरिया,
सुंदर साधारण घर-दुवरिया,...
अरसा बीता..
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लम्हा,लम्हा जोड़ इक दिन बना,
दिन से दिन जुडा तो हफ्ता,
और फिर कभी एक माह बना,
माह जोड़,जोड़ साल बना..
समय ऐसेही बरसों बीता,
तब जाके उसे जीवन नाम दिया..
जब ...
अध्याय २ : बिखरे सितारे ७ : मझधार में
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अध्याय २ : बिखरे सितारे ७ : मझधार में
.(पूर्व भाग :उस रात नींद में न जाने वो कितनी बार डरके रोते हुए उठी...लेकिन
मासूम का प्यार देखो.....
मैने खुद को खोज लिया..तो हंगामा हो गया
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*-आशीष देवराड़ी*
क्वीन एक बेहतरीन फिल्म है जिसकी तस्दीक मल्टीप्लेक्सों की खाली पड़ी सीटे
करती हैं। यह विडंबना ही है कि कहानी के मामलों में रिक्त फिल्में ज...
सर्दियों की एक और सुबह
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सांस की नली में कुछ अटकने के अहसास के साथ गहरी, दर्द निवारक से ठहराई नींद
उचट जाती है। गला दो-तीन बार खांस कर सांस के लिए रास्ता साफ कर सुकून पा लेता
है।...
हवा
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स्वछंद माहौल गर हो
हवा को मिलता है मौका
राहत देने का हमे गर्मी में
बनकर सुहावना झोंका
बंदिशे लगी तो इनपर
आती है सब पर शामत
तूफ़ान बन कर लाती ह...
हिन्दी साहित्य पहेली 107 का सही उत्तर और विजेता
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*प्रिय पाठकजन एवं चिट्ठाकारों,घोषित है हिन्दी सहित्य पहेली 107 का सही उत्तर*
*नल दमयंती*
*और अब चर्चा इस पहेली 107 के परिणाम पर1- और आज की पहेली में ...
ब्लागिँग सेमिनार की शुरुआत रवि-युनुस जुगलबंदी से
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और ये उद्घटान हो गया। उद्घटान नहीँ भाई उद्घाटन हो गया-ब्लागिँग सेमिनार का।
वर्धा विश्वविद्यालय के हबीबा तनवीर सभागार मेँ वर्धा विश्वविद्यालत द्वारा
आय...
हाल-चाल ठीक-ठाक है
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हाल-चाल ठीक-ठाक है
सब कुछ ठीक-ठाक है
बी.ए. किया है, एम.ए. किया
लगता है वह भी ऐंवे किया
काम नहीं है वरना यहाँ
आपकी दुआ से सब ठीक-ठाक है
आबो-हवा देश की बहुत ...
अतुल जी और अमर उजाला की नौकरी
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आज सुबह- सुबह आदत के मुताबिक `अमर उजाला’ खोला तो अचानक मुख्य पृष्ठ पर अतुल
भाईसाहब की तस्वीर के साथ उनके पुण्यतिथि की तारीख सामने थी। संयोग देखिए कि
यही म...
ज़रा सोचिये !
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बलात्कारियों के लिए कौनसी सजा उचित है या होनी चाहिए ये तो देश के बुद्धिजीवी
और प्रबुद्ध व्यक्ति तय कर ही लेंगे मगर मैं कुछ और भी सोचता हूँ, जो कुछ इस
तर...
कबीर के श्लोक - १२१
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*ढूंढ्त डोलहि अंध गति , अरु चीनत नाही संत॥कहि नामा किऊ पाईऐ , खिनु भगतहु
भगवंतु॥२४१॥*
कबीर जी कहते हैं कि नामदेव जी कहते हैं -जीव खोज खोज कर परेशान हो जात...
दुश्मन
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*दुश्मन*
खदेरन ने अपने बेटे भगावन से कहा, “देख भगावन! बड़े-बुजुर्ग कह गए हैं, और यह
सौ-फ़ीसदी सही है कि कभी किसी का दुश्मन नहीं बनना चाहिए।”
भगावन ने पित...
Poetry by Vikram Saxena
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Poetry by Vikram Saxena
A very Loving Person
vikramsaxena@hotmail.com
Ph: 09711144798 / 011-23315717
http://www.facebook.com/vikramsaxena2006
1) मैं कह न...
जाने वाले कब लौटे हैं क्यूँ करते हैं वादे लोग
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जाने वाले कब लौटे हैं क्यूँ करते हैं वादे लोग
नासमझी में मर जाते हैं हम से सीधे सादे लोग
पूछा बच्चों ने नानी से - हमको ये बतलाओ ना
क्या सचमुच होती थी परि...
यार की आँखों में.......
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मैं उन्हें चाँद दिखाता हूँ
उन्हे दिखाई नही देता।
मैं उन्हें तारें दिखाता हूँ
उन्हें तारा नही दिखता।
या खुदा!
कहीं मेरे यार की आँखों में
मोतियाबिंद...
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मै एक बार फिर ब्लॉग शुरू करने जा हूँ !
दरअसल काफी दिनों मै कुछ दूसरे कम में व्यस्त थी! खासकर पेंटिंग में ! लेकिन
अब एक बार फिर से ब्लॉग शुरू कर रही हूँ!
निर्मल बाबा केवल एक नहीं है : अन्तर सोहिल
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इंदु आहूजा, लाल किताब वाले गुरूदेव और अन्य बहुत सारे ज्योतिष बताने और
यंत्र बेचने वाले टीवी चैनलों के जरिये धर्मांध जनता को शोषित कर रहे हैं। कई
बार तो लग...
मनुष्य की बढती स्वार्थपरता का खेल
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यह बात तो हर कोई जानता है कि माँस कैसे प्राप्त किया जाता है. जीवन हर जीव को
उतना ही प्रिय है, जितना कि हम सब को. अपनी खुशी से कोई पशु मरना नहीं चाहता.
अत: ...
देखो ए दिवानों ऐसा काम न करो …
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अयोध्या में प्रस्तावित श्री राम जानकी मंदिर
देखो ए दिवानों ऐसा काम न करो … राम का नाम बदनाम न करो !!!
चुनाव का मौसम आ गया है । उत्तर प्रदेश में भाजपा ने अप...
कभी किरदार भी बदलो
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*आदाब ,आप सब को नया साल बहुत बहुत मुबारक हो* .
नए साल में कई मुशायरे पढ़े .वक़्त की पाबन्दी ने इन महफिलों की रौनक़ छीन ली
है , १२ बजे से पहले मुशायरे ख़त...
!! हे खाटू के श्याम प्रभु... !!
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हे इष्टदेव, कुलदेव म्हारा श्यामधणी, थारे द्वार पे उभा थारा टाबरिया थां
सूँ या ही अरज करे ह... हे खाटू के श्याम प्रभु, मुझे दरस दिखा देना...मेरी
भूल क्षमा...
"मेरा देश और मै" पर संभाषण प्रतियोगिता संपन्न
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जय हिंद,
समस्त आत्मीय जनों को आपके अपने गौरव शर्मा "भारतीय" की ओर से सादर प्रणाम,
आदाब, सतश्री अकाल !!
दिनांक 19.11.2011 को "अभियान भारतीय" एवं संस्कार भारत...
sare jag me jo pitata he samjho ---
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युगों युगों से यही तो हमने
पुरखो से सुनी कहानी हे
सारे जग में जो पिटता हे
समझो हिन्दुस्तानी हे
रहते हे इस देश में लेकिन
नहीं देश यह भाता हे
सभी चाहते अल...
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आज बहुत दिनों बल्कि महीनो के बाद आपने ही ब्लॉग पर आना हुआ .....हम लोग
केलिफोर्निया से यहाँ न्यू जर्सी आए उसके बाद कई बातें ऐसी रही की नियमितता बन
ही नहीं ...
!! जहाँ ले चलोगे, वहीं मैं चलूँगा... !!
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भगवन्नाम की महिमा अमित है... अपने प्रिय का नाम जपते-जपते प्रेमी का मन अनेक
प्रकार की भाव-तरंगों से अनुप्राणित हो उठता है... ऐसी ही एक भाव तरंग से
परिपूर्ण ...
योगासन से बीमार होते हैं ?
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मैं पिछले आठ - दस साल से योगासन करता आ रहा हूँ |जब मैंने १९५० से निःशुल्क
योगासन सिखाने वाले एक प्रतिष्ठित प्रशिक्षण केंद्र में दाखिला लिया तो मुझसे
मेरी ब...
देखो, मैं कितना गोरा हूँ : पहेली का हल
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८ जून २०११ को सरस पायस पर यह चित्र प्रकाशित करके
यह पूछा गया था कि यह किसका फ़ोटो है!
इसके साथ पहेली के रूप में
मेरी एक कविता भी प्रकाशित की गई थी,
जिसम...
यह लालच मरता क्यों नहीं?
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छठी में एक कहानी पढ़ी थी। लालची कुत्ते की 'ग्रीडी डॉग'। पढ़ी अंग्रेजी में
थी पर याद हिंदी में है। लालच के बहकावे में आकर कुत्ते ने अपनी परछाई से ही
दूसरी र...
सींग बचाकर .....
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[image: image]
एक बैल जंगल के रास्ते जा रहा था. उसके सींग बड़े-बड़े थे. वह मस्ती से हरी-हरी
घास खाता हुआ जा रहा था कि अचानक एक पेड़ की अपेक्षाकृत नीची झुकी...
ज़िन्दगी दो अल्फाजों में सिमट आती है
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ज़िन्दगी दो अल्फाजों में सिमट आती है
आह तेरे नाम से जब भी निकल आती है
दौर-ए-उल्फत में बहके होंगे कदम हमारे
अब तो तेरी हर बात संजीदा नज़र आती है
कैसे रखते...
बाल दिवस पर सीखो आज
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बच्चों, इतनी सी है बात
बाल दिवस पर सीखो आज
सदा-सदा तुम चलते जाना
पढ़ते-लिखते, बढ़ते जाना
बाधाओं से डर मत जाना
सच्चाई का देना साथ
बच्चों इतनी सी है बात
बाल ...
Cool Santa.....
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Cool Santa!................. > > > > > >
Sardar Santa Singh Ji is the English teacher in a
> >school. He is very
> >well renowned for all his students do v...
तुम्ही विस्तार हो मेरा
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और उस जमीं के सर का,
तुम्ही विस्तार हो मेरा.
कैसे?
हाँ कैसे..........हो मेरा.
तुम्हारे ही सपनों के तिनकों से,
मैंने नींव रखी है
अपने घोंसले की,
और ...
आप दूसरा विवाह अतिशीघ्र किजिये : चच्चा टिप्पू सिंह
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हां तो बच्चा लोग सबसे पहले तो चच्चा टिप्पूसिंह की टिप टिप पकडो. हम इंहा से आखिरी
पोस्ट अठ्ठाईस जनवरी दू हजार दस को लिखा रहा. फ़िर अब आजादी का जश्न मनाने हर ...
a terrible fact about our so called indian culture
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recently i got a chance to be present in my cremation.
the cremation of a 17 years old girl that was dead because of a road
accident...
i thought she will o...
ऐसी माँ ओ को मै कुख्यात कहू तो आपको इतराज है कै ?
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*"वक्त से पहले फिसलता बच्च्पन.. अगर गुलाब क़ी अधखिली कली को जबरदस्ती
खिलाया जाएगा तो वह फुल बनने से पहले ही अपना वास्तविक प्राक्रतिक रूप खो
देगी. यही ह...
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नमस्कार , बोदूराम के साथ पंकज मिश्रा आपके साथ !
बोदूराम थाणे में पहुच जाते है रपट लिखवाने ,,,,,,थानेदार साहब हैरान परेशान
बोदूराम से पूछते है .....हां भाई ब...
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जीवन के स्वयं समर्पण को मैं जीत कहूं या हार कहूं?
मैने देखी प्राचीर-रश्मि
देखा संध्या का अंधकार,
पूनों की रजत ज्योत्सना में,
लख सका अमा का तम अपार,
इन काली-...
तुम कितनी सुंदर हो
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-डॉ. अशोक प्रियरंजन
जब भी होता हूं उदास
आसपास फैली होती हैं
जिंदगी की अनगिनत परेशानियां
तब जेहन में चमकती है
तुम्हारी मुस्कराहट
गालों पर रोशन दीये
दिल में ...
बोले तू कौनसी बोली ? ७
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कुछ अरसा हुआ इस बात को...पूरानें मित्र परिवार के घर भोजन के लिए गए थे। उनके
यहाँ पोहोंचते ही हमारा परिचय, वहाँ, पहले से ही मौजूद एक जोड़े से कराया गया।
उसमे...
डा0 रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’ का एक गीत
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जीवन के चौराहे पर, सब गलियाँ मिल जाती हैं।
मरुथल में भी अनायास, झीलें मिल जाती हैं।।
बेहोशी में पड़े रहे तो, प्राण निकल जायेंगे,
पाकर पवन झकोरें, सोये ...
नागार्जुन का काव्य शिल्प
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बाबा नागार्जुन का काव्य संसार - अन्तिम भाग
नागार्जुन पर यह आरोप अक्सर लगाया जाता रहा है की अपनी कविताओं में वे छंद और
शिल्प के प्रति उदासीन हैं। सबसे पह...
‘‘देश-भक्ति गीत’’ गेंदालाल शर्मा ‘निर्जन’
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देखो बच्चों इस भूमि का कर्ज चुकाना है।
भारत माँ को दुनिया में, मूर्धन्य बनाना है।।
कुंठा और अभिमान से हम निश्चित ही दूर रहें।
दुख के झंझावातों को भी हो...
english-4 all, come please
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english-4 all par आज से मैनें इंग्लिश सीखने सम्बन्धी पोस्ट लिखनी स्टार्ट कर
दी है। काफी दिन से लिखने की इच्छा थी, लेकिन कुछ वयस्तता की वजह से लिखना
स्टार्ट...
2 comments:
आपने खटीमा के हालात का बिल्कुल सही आकलन किया है!
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