Related Posts with Thumbnails

दृष्टिकोण (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री मयंक)

Sunday, 15 March 2009

भूल चुके हैं आज सब,


ऊँचे दृष्टिकोण,


दृष्टि तो अब खो गयी,


शेष रह गया कोण।


शेष रह गया कोण,


स्वार्थ में सब हैं अन्धे,


सब रखते यह चाह,


मात्र ऊँचे हो धन्घे।


कह मयंक उपवन में,


सिर्फ बबूल उगे हैं,


सभी पुरातन आदर्शो को,


भूल चुके हैं।

Read more...

मेरी गुड़िया (श्रीमती रजनी माहर)

Tuesday, 10 March 2009

मेरी गुड़िया जब से,


मेरे जीवन में आयी हो।


सूने घर आँगन में मेरे,


नया सवेरा लायी हो।


पतझड़ में बन कर बहार,


मेरे उपवन में आयी हो।


गुजर चुके बचपन को मेरे,


फिर से ले आायी हो।


सुप्त हुई सब इच्छाओ को,


तुमने पुनः जगाया।


पानी को मम कहना,


मुझको तुमने ही सिखलाया।


तुमने किट्टू को तित्तू ,


तुतली जबान से बतलाया।


मम्मी को मी पापा को पा,


कह अपना प्यार जताया।


मेरी लाली-पाउडर तुम,


अपने गालों पर मलती हो।


मुझको कितना अच्छा लगता,


जब ठुमके भर कर चलती हो।


सजे-सजाये घर को तुम,


पल भर मे बिखराती हो।


फिर भी गुड़िया रानी तुम,


मम्मी को हर्षाती हो।


छोटी सी भी चोट तुम्हारी,


मुझको बहुत रुलाती है।


तुतली-तुतली बातें तेरी,


मुझको बहुत लुभाती हैं।


दादा जी की ऐनक-डण्डा,


लेकर तुम छिप जाती हो।


फिर भी गुड़िया रानी तुम,


दादा जी को भाती हो।


अपनी भोली बातों से तुम,


सबके दिल पर छायी हो।


मेरी गुड़िया जब से,


मेरे जीवन में आयी हो।


सूने घर आँगन में मेरे,


नया सवेरा लायी हो।

Read more...
अब मेरे सभी ब्लॉग्स का पता इस प्रकार रहेगा
(शब्दों का दंगल) http://uchcharandangal.uchcharan.com
(उच्चारण) http://uchcharan.uchcharan.com
(मयंक) http://powerofhydro.uchcharan.com
(नन्हे सुमन) http://nicenice-nice.uchcharan.com
(बाल चर्चा मंच) http://mayankkhatima.uchcharan.com
(चर्चा मंच) http://charchamanch.uchcharan.com
(अमर भारती) http://bhartimayank.uchcharan.com
E-MAIL
rcshashtri@uchcharan.com

My Blog List

  © Blogger template Brownium by Ourblogtemplates.com 2009

Back to TOP