दोहे "चली बसन्त बयार" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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*शीत विदा अब हो गया**, चली बसन्त बयार।*
*प्यार बाँटने आ गया**, होली का त्यौहार।।*
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*फागुन में अच्छी लगे**, रंगों की बौछार।*
*सुन्दर**, सुखद-...
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