दोहागीत "सत्याग्रह की आड़ में" (डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक')
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*चिड़िया अपने नीड़ में**, **करती करुण पुकार।*
*सत्याग्रह की आड़ में**, **राज करें मक्कार।।*
*।1।*
*आम जरूरत का हुआ**, **मँहगा सब सामान।*
*ऐसी...
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